जानता हूँ, वो अब मेरा नहीं है,
मगर इस दिल को समझाना मुश्किल बहुत है।
साथ जिनके चले हैं बरसों तक,
बगल से चुपचाप गुजर जाना मुश्किल बहुत है।
जिनसे लिपटे रहें हैं क़बा की तरह,
मुस्कुरा कर हाथ मिलाना मुश्किल बहुत है।
वक़्त भी क्या मोड़ लाया है,
साथ रहना मुनासिब नहीं और दूर जाना मुश्किल बहुत है।
वक़्त भी क्या मोड़ लाया है,
साथ रहना मुनासिब नहीं और दूर जाना मुश्किल बहुत है।