Thursday, March 28, 2013

उनके अपने रास्ते हैं, मेरे अपने रास्ते हैं

हमें भी चाहने वाले हैं जमाने में
ये और बात है के हम उन्हें चाहते हैं।

वक़्त बेवक्त हमें भी आवाज देतें हैं लोग
हम बेजुबान धरकानों से उन्हें पुकारते हैं।

कभी ये वक़्त गुजरता ही नहीं,
कभी इक पल में हम सदियाँ गुजरते हैं।

जिसने लुटा है मेरी जिंदगी से अमन
ये उनकी हरकते हैं, मेरी शरारतें हैं

दिलों के मिलने के "अहसास" से क्या होगा
उनके अपने रास्ते हैं, मेरे अपने रास्ते हैं।

Wednesday, March 27, 2013

जिसने भी खंडहर को घर बनाया है

जिसने भी खंडहर को घर बनाया है,
तुकाड़ो के लिए खास जगह बनाया है।

जमाना टूटने का मातम मनाता है,
उसने टूटने को मुक्कदर बनाया है।



उनके होने से राह भी मंजिल थी


उनके होने से राह भी मंजिल थी
मंजिल अब राह की दिवार नजर आती है
 
मुद्दतों भुलाने कि कोशिश की जिसको 
बंद आँखों से वो सक्कल बार-बार नजर आती  है
 
कैसे छुपाऊँ ये दस्ता ज़माने से
मेरी हर बात में उनकी कोई बात निकल आती है
 
तुम्हे तो खुदा होने का गुमान था ये जिंदगी
आज तू क्यों इतनी लाचार नजर आती है
 
टूट जाने का रिश्ता ये कैसी सजा है
पूरी कायनात नाराज नजर आती है
 

Tuesday, March 26, 2013

समझना तुझको है

समझना तुझको है
जैसे भी हों समझाने वाले,

गौर कर ले उनकी बातों पर
इससे पहले के रूठ जाएँ मानाने वाले,

जलाता रहा है चिराग रौशनी के लिए
आते-जाते रहे हैं जलाने वाले,

बचता रहा निगाहों से उनकी
जो लोग थे रास्ता दिखाने वाले,