Thursday, March 28, 2013

उनके अपने रास्ते हैं, मेरे अपने रास्ते हैं

हमें भी चाहने वाले हैं जमाने में
ये और बात है के हम उन्हें चाहते हैं।

वक़्त बेवक्त हमें भी आवाज देतें हैं लोग
हम बेजुबान धरकानों से उन्हें पुकारते हैं।

कभी ये वक़्त गुजरता ही नहीं,
कभी इक पल में हम सदियाँ गुजरते हैं।

जिसने लुटा है मेरी जिंदगी से अमन
ये उनकी हरकते हैं, मेरी शरारतें हैं

दिलों के मिलने के "अहसास" से क्या होगा
उनके अपने रास्ते हैं, मेरे अपने रास्ते हैं।

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